बंगाली द विंची कोड... —द संडे टाइम्स (लंदन) वर्त्तमान समय के दो सबसे बड़े मुद्दों से संबंधित: जलवायु परिवर्तन और मानव प्रवास। जिस विश्वास के साथ घोष इन विशेष ध्रुवों के चारों ओर एक शानदार कहानी को आकार देते हैं, वो लाजवाब है...जिस तरह घोष उपन्यास की गति को बनाए रखने में सक्षम हैं, यह किसी चमत्कार से कम नहीं है...गन आइलैंड हमारे समय का उपन्यास है। — द वॉशिंग्टन पोस्ट बन्दूक़। एक साधारण सा शब्द, लेकिन यह शब्द दीन दत्ता की दुनिया को पलट कर रख देता है। दुर्लभ पुस्तकों का डीलर, दीन, घर के अंदर शांति से समय बिताने का आदी है, लेकिन जैसे-जैसे जीवन के बारे में उसकी ठोस धारणाएँ बदलने लगती हैं, वह एक असाधारण यात्रा पर निकलने के लिए मजबूर हो जाता है; एक ऐसी यात्रा जो उसे भारत से लॉस एंजेलिस और फिर वेनिस तक रस्ते में मिलने वाली यादों और अनुभवों के माध्यम से एक पेचीदा मार्ग पर ले जाती है। इस कहानी में पिया है—अमेरिका में पली-बढ़ी एक बंगाली लड़की जो उसकी यात्रा का कारण बनती है; एक उद्यमी युवक टीपू, जो दीन को आज की दुनिया में बड़े होने की वास्तविकताओं से रूबरू कराता है; रफ़ी, जो जरूरतमंद की मदद करने के लिए साहसिक प्रयास करता है; और चीनता, एक पुरानी दोस्त जो इस कहानी और उसके पात्रों के बीच की खोई कड़ियों को जोड़ती है। यह एक ऐसी यात्रा है जो उसकी वह सोच उलट देगी जिसमें उसे लगा था कि वह अपने, बचपन में सुने बंगाली मिथकों, और अपनी दुनिया के बारे में सब कुछ जानता है। अमिताभ घोष का उपन्यास बन्दूक़ द्वीप एक ख़ूबसूरत अहसास है जो समय और सीमा को आसानी से पार करता है। यह बढ़ते विस्थापन और न रुकने वाले संक्रमण की कगार पर खड़ी दुनिया की कहानी है। लेकिन यह कहानी उम्मीद की भी है, एक ऐसे व्यक्ति की, जिसका दुनिया और भविष्य में विश्वास दो अनूठी महिलाओं द्वारा बहाल होता है।
Books Information | |
Author Name | Amitav Ghosh |
Condition of Book | Used |
- Stock: Out Of Stock
- Model: SGCc35
- ISBN: 9789389648751