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Raghukul Reeti Sada by Rajendra Arun

Raghukul Reeti Sada by Rajendra Arun
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Raghukul Reeti Sada by Rajendra Arun

मानव सभ्यता के विकास के साथ-साथ उसके जीवन में सागरों का महत्त्व भी बढ़ता गया। आज, जब उसने कल्पनातीत प्रगति कर ली है तो उसे यह आभास होने लगा है कि उसकी अनेक भौतिक समस्याओं, यथा-खाद्य, आवास, कच्चा माल, ऊर्जा की आपूर्ति आदि-के हल उसे सागर में ही मिल पाएँगे। थल, जो पृथ्वी का मात्र 29.2 प्रतिशत भाग ही है, उनके हल उपलब्ध कराने में असमर्थ होता जा रहा है। भारत के संदर्भ में हिंद महासागर का महत्त्व दिनोदिन बढ़ता जा रहा है। उसे भी अपनी अनेक समस्याओं के निराकरण के लिए अंत में हिंद महासागर की शरण में ही जाना पड़ेगा। साथ ही सुरक्षा की दृष्‍टि से भी हिंद महासागर दिन-प्रतिदिन अधिकाधिक महत्त्वपूर्ण होता जा रहा है। इन कारणों से हमारे लिए हिंद महासागर के बारे में अधिक-से-अधिक जानकारियाँ प्राप्‍त करना आवश्यक हो गया है।

Books Information
Author NameRajendra Arun
Condition of BookUsed

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Ex Tax: Rs.82.00
  • Stock: In Stock
  • Model: SGCf30
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