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Gandi Baat (Hindi) Paperback – 5 Jan 2017 by Kshitiz Roy
एक लड़का था-- कुछ लोफर, लफुआ, दीवाना-सा! जिसका दिल था नए रैपर में वही पुराना शहीदाना। शहर पटना पूरा अपना लगे उसे। लड़की थी अलबेली-सी, सोचने का कारखाना, हिम्मत की एनीटाइम लोडेड गन जैसी, पुरानी जीन्स और एकदम नया गाना! दिल्ली शहर में मौसम था अन्ना आन्दोलन का, चुनाव के घुमड़ रहे थे बादल। डेजी आई पढने एलएसआर में. बनाया अपना बैंड, खुद बनी ड्रमर। गोल्डन आया डेजी के पीछे बावला। बन गया ड्राईवर। दोनों थे खालिस गैर राजनीतिक युवा। पढ़िए उन्हीं के घोर राजनीतिक रोमांस की दिलचस्प दास्ताँ जिसमें उनकी निजता में शहर, समाज और परिस्थितियाँ दे रही हैं बराबरी से दखल, जहाँ कुछ भी नहीं है निश्चित और अनिश्चित ही है उनका सबसे बड़ा रोमांस। जिसे कहते हैं सब गंदी बात, क्या होती है वाकई वह गंदी-सी कोई बात!
Books Information | |
Author Name | Kshitiz Roy |
Condition of Book | Used |
Rs.60.00
Ex Tax: Rs.60.00
- Stock: Out Of Stock
- Model: sg584
Tags:
Kshitiz Roy