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Kos Kos Shabdkosh (Hindi) Paperback – 2015 by Rakesh Kayasth
Biography
व्यंग्य ना तो संस्कारी होते हैं ना दरबारी। टेढ़ापन ही व्यंग्य का असली संस्कार है। राकेश कायस्थ मौजूदा पीढ़ी के उन चंद लेखकों में शामिल हैं, जो व्यंग्य की ताकत और व्यंग्यकार होने की जिम्मेदारी को ठीक से समझते हैं। समय, समाज और सत्ता की विसंगतियों को देखने जो लेंस इनके पास है, वह विरल है। 2015 में आई राकेश की किताब कोस-कोस शब्दकोश ने खूब चर्चा बटोरी। यथावत पत्रिका में पिछले पांच साल से चल रहा कॉलम बतरस भी काफी लोकप्रिय है। टीवी पत्रकारिता के लंबे सफर में आजतक, तेज़ और न्यूज़ 24 जैसे चैनलों के लिए कई लोकप्रिय व्यंग्य कार्यक्रमों की परिकल्पना, लेखन और निर्देशन भी इनके खाते में दर्ज़ हैं। एंटरेनमेंट टेलिविजन से पुराना नाता रहा है, जिसकी निशानियां मूवर्स एंड शेकर्स जैसे लोकप्रिय कार्यक्रमों में पाई जाती हैं। सिनेमा, विज्ञापन और खेलों की दुनिया में गहरी रूचि रखने वाले राकेश फिलहाल स्टार टीवी नेटवर्क से जुड़े हैं।
Books Information | |
Author Name | Rakesh Kayasth |
Condition of Book | Used |
Rs.40.00
Rs.100.00
Ex Tax: Rs.40.00
- Stock: Out Of Stock
- Model: sg959
Tags:
Rakesh Kayasth