कुछ किस्से - Bits Pilani कैंटीन से', कैंटीन में दोहराये वो किस्से हैं, जो चाय की पहली चुस्की के साथ उतने ही नए हो जाते हैं, जितने कि सिगरेट की आख़िरी कश के साथ पुराने। Bits Pilani के पाँच लड़के कैंटीन में मिलते तो हैं गप्पें मारने के लिए; पर समय के साथ उनकी बातों में वो किस्से होते हैं, जो समाज को, मुहब्बत को, और ज़िन्दगी को खुल के बयान कर रहे होते हैं। किस्सों की शुरूआत कुछ ऐसे ही होती है, जैसे कि ज़िन्दगी की शुरूआत होती है.. नई, खुश और आशावान; और किस्से खत्म भी ऐसे ही होते हैं, जैसे ज़िन्दगी खत्म होती है.. दर्द, तजुर्बे और मुक्ति के साथ। किताब, आपको कैंटीन और टपरी में, चाय के साथ लगाये ठहाके, और उसके बाद की गंभीरता को एक बार फिर से जीने का मौका देगी। किताब में किस्सों की भाषा ऐसी है, मानो दृश्य सजीव हो उठा हो; और फिर किताब को पढ़ने नहीं, बल्कि सुनने और देखने का आनंद मिलता है। किस्सों के बीच में आई कविताएँ नई कलम के नए साहित्य को दर्शा रही हैं।
Books Information | |
Author Name | Chirag Khatri |
Condition of Book | Used |
- Stock: Out Of Stock
- Model: sg752